Pfizer Covid vaccine for Children, 5-11 साल के बच्चों के लिए सुरक्षित है कोरोना वैक्सीन
छोटे बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन कब तक आएगी? क्या Pfizer covid vaccine for children जल्दी ही मार्किट में आने वाली है ? इस तरह के सवाल हमारे बीच चर्चा का विषय हैं। इसका कारण ये है कि कोरोना वायरस या कोविद-19 बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय कोरोना वैक्सीन है। भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र के करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। लेकिन बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को लेकर अभी भी इंतज़ार हैं। यही कारण है की अभी तक स्कूल पूरी तरह नहीं खुल पाए हैं। लेकिन अब फ़ाइज़र एंड बायोइंटेक (Pfizer and BioNTech) ने बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा दावा किया है। कंपनी का कहना है कि कोरोना वैक्सीन 5 से 11 साल कि उम्र के बच्चों के लिए भी सुरक्षित है।
क्या फ़ाइज़र की वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित है? Is Pfizer Covid vaccine for Children
फ़ाइज़र एंड बायोइंटेक कम्पनी के अनुसार बच्चों पर किये गए कोरोना वैक्सीन के अध्यन के जो परिणाम आये हैं। बच्चों पर किये गए अध्यन के परिणाम बहुत ही संतोषजनक हैं। यह अध्यन फ़ाइज़र एंड बायोइंटेक के द्वारा छोटे बच्चों पर वैक्सीन के होने वाले असर और सुरक्षा के मानदंडों को ध्यान में रख कर किया गया है। फ़ाइज़र एंड बायोइंटेक कंपनियां इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि कोरोना वैक्सीन से छोटे बच्चों में भी अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हुई है। इसलिए अब कोरोना वैक्सीन को छोटे बच्चों में भी दिया जा सकता है। हालाँकि छोटे बच्चों में इस टीके कि खुराक 12 साल से अधिक उम्र कि तुलना में कम दी जाएगी। कम्पनी जल्दी ही इस टीके के नियामक अनुमोदन के लिए बात आगे बढ़ने वाली है।
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बच्चों में टीके की खुराक
बच्चों में भी कोरोना टीके की दो खुराक दिए जायेंगे। जैसा की 12 साल से ऊपर के लोगों में दी जाती हैं। बच्चों पर किये गए ट्रायल में 10 माइक्रोग्राम की 2 खुराक 21 दिन के अंतर् पर दी गयीं। बच्चों में होने वाले वैक्सीन के असर और बड़ों में (15 से 25 साल ) होने वाले वैक्सीन के असर में काफी ससमनता देखी गयी।
बड़ों में एक वैक्सीन की खुराक की मात्रा 30 माइक्रोग्राम तक राखी जाती है। वहीँ बच्चों में एक टीके की खुराक की मात्रा 10 माइक्रोग्राम रखी गयी है।
बच्चों के लिए कोरोना का बढ़ता खतरा
अभी तक हिंदुस्तान की एक तिहाई आबादी से ज़्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। और इस सब के बीच कोरोना बीमारी अभी भी बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा बानी हुए है। यह इस बात का उदाहरण है कि जिन लोगों को भी कोरोना का टीका लग चूका है, उनमे बीमारी के लक्षणों की तीव्रता कम देखी कई है। क्योंकि हमारे देश में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी तक टीका नहीं लगा है। इस कारण 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोरोना बीमारी का खतरा अधिक है।
अभी इस तरह की खबरे भी आ रही थी की बच्चों में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। लेकिन फ़ाइज़र के इस शोध और अध्यन के बाद ये उम्मीद जग गई है की बच्चों के लिए भी जल्दी ही कोरोना का टीका मिल जायेगा।
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बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन कब तक आएगी ?
इस अध्यन के परिणाम के बाद, फ़ाइज़र एंड बायोइंटेक कंपनियों ने एक बयां दिया। उन्होंने अपने संयुक्त बयान में कहा कि वो जल्दी ही अध्यन के परिणामो को FDA और दूसरी संस्थाओं को नियामक अनुमोदन व मंजूरी के लिए भेजेंगे। उनको उम्मीद है की जल्दी ही 5 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों को इमरजेंसी प्रयोग का आधार पर कोरोना वैक्सीन देने की अनुमति मिल जाये।
कंपनी का ये भी कहना है कि वैक्सीन के परिणामों से वह बहुत खुशः हैं। लेकिन अभी वैक्सीन को बाजार में आने में कुछ समय लगेगा। दिलचस्प बात ये है की फ़ाइज़र कम्पनी ने मार्च 2021 में ही बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का अध्यन शुरू कर दिया था। और 6 महीनो के अंदर ही उनको कामयाबी मिल गयी है। इस साल के अंत तक बच्चों के लिए कोविद -19 वैक्सीन के टीके की आने की उम्मीद है।
फ़ाइज़र एंड बायोइंटेक कम्पनी 5 साल से काम उम्र के बच्चों पर भी इस टीके का परीक्षण कर रही है। और 5 साल से छोटे बच्चों में किये जा रहे अध्यन का परिणाम भी इस साल के अंत तक आने की उम्मीद है।
बच्चों में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स
आम तौर पर बच्चों में भी कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स, 18 साल से बड़ी उम्र में देखे गए साइड इफेक्ट्स से मिलते जुलते हैं। जिनमे नीचे दिए गए साइड इफेक्ट्स मुख्य हैं।
- इंजेक्शन के स्थान पर दर्द होना
- सर दर्द
- बुखार आना
- ठण्ड लगना
इसके अलावा टीके के स्थान पर सूजन आना या उस जगह का लाल होना और खुजली होना भी देखा गया है।
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