Thyroid Ke Lakshan | Thyroid Bimari in Hindi
थाइरॉयड के लक्षण ( Thyroid Ke Lakshan ) का मुख्य कारण है थाइरोइड ग्रंथि का ठीक से काम न करना। थाइरॉयड तितली के आकर की एक ग्रंथि होती है। यह गर्दन में एडम्स एप्पल के नीचे और श्वांसनली (windpipe) के आगे की तरफ पायी जाती है। थाइरॉयड ग्रंथि का मुख्य कार्य थाइरॉयड हॉर्मोन्स (T3 एवं T4) को स्रावित करना है। थाइरॉइड ग्लैंड दो प्रकार के थयरॉइड हॉर्मोन स्रावित करती है, एक थायरोक्सिन (T4) हॉर्मोन्स एवं दूसरा ट्राईआयडोथयरोनिन (T3) हॉर्मोन। जब थाइरॉयड ग्रंथि सामान्य रूप से कार्य नहीं करती तो इन हॉर्मोस का संतुलन बिगड़ जाता है। जिसके कारण थाइरोइड की प्रॉब्लम हो जाती है और थाइराइड के लक्षण ( Thyroid Symptoms in Hindi ) आने लगते हैं।
थायरॉइड हार्मोन्स के कार्य Thyroid Hormone Functions
थाइरॉइड हॉर्मोन (T3, T4) शरीर के बहुत सारे कार्यों कार्यों संतुलित करते हैं। T3 एवं T4 शरीर के उपापचय (Metabolism) को नियंत्रित करता है। यह शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करता है। थाइरॉइड हॉर्मोन (T3, T4) के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं, यदि थायरॉइड ग्लैंड ठीक से काम नहीं करता है तो थाइरोइड के लक्षण ( Thyroid Ke Lakshan ) आने लगते हैं।
- प्रोटीन सिंथेसिस में मदद करता है ।
- प्रोटीन , चिकनाई (FAT) और कॉर्बोहाइड्रेट का उपापचय (Metabolism)
- Growth Hormones (लम्बाई बढ़ाने वाले हार्मोन) को सक्रिय करता है
- शरीर में ऊर्जा बनाने में मदद करता है।
- शरीर का तापमान नियत्रित करता है ।
- ह्रदय गति को नियंत्रित करता है। थायरॉइड फंक्शन ठीक न रहने से हार्ट अटैक भी हो सकता है।
थाइरॉयड बीमारी के प्रकार Types of Thyroid Disease
थाइरॉइड की बीमारी ( Thyroid Bimari in Hindi ) को इसके काम करने की क्षमता के आधार पर दो प्रकार में बांटा गया है। थाइरोइड की बीमारी की खून में T3, T4 एवं TSH हॉर्मोन्स की कमी या अधिकता के आधार पर जांचा जाता है। थाइरॉइड ग्लैंड की कार्य करने की क्षमता किसी बीमारी या आयोडीन की कमी के कारण प्रभावित होती है। थाइरॉइड ग्लैंड की बीमारी दो प्रकार की होती है और उसी आधार पर थाइरोइड के लक्षण ( Thyroid Ke Lakshan ) आते हैं।
हाइपोथाइरॉडिज़्म Hypothyroidism
जब शरीर में थाइरॉइड होर्मोनेस की कमी होती है तब पिट्यूटरी ग्लैंड ग्लैंड से TSH अधिक मात्रा में स्रावित होता है। TSH की अधिक मात्रा थाइरोइड ग्रंथि को अधिक काम करने के लिए प्रेरित करता है लेकिन यदि खून में आयोडीन की कमी होती है तो T3, T4 नहीं बन पाते। जिसके कारण शरीर में TSH हॉर्मोन की अधिकता और T3, T4 हॉर्मोन की कमी हो जाती है। इस प्रकार की थायरॉइड बेमारी को हाइपोथाइरॉडिज़्म (Hypothyroidism) कहते हैं। इस बीमारी में शरीर के लगभग सारे कार्य सुस्त हो जाते हैं।
हाइपरथाइरॉडिज़्म Hyperthyroidism
यदि थाइरॉइड ग्लैंड की काम करने की रफ़्तार अधिक हो जाती है तो इस प्रकार की बीमारी को हाइपरथाइरॉडिज़्म (Hyperthyroidism) के नाम से जानते हैं। इस प्रकार की बीमारी में T3, T4 हॉर्मोन की अधिकता और TSH हॉर्मोन की कमी हो जाती है। इस बीमारी में मरीज अत्यधिक सक्रिय हो जाता है।
हाइपोथाइरॉडिज़्म (Hypothyroidism) और हाइपरथाइरॉडिज़्म (Hyperthyroidism) बीमरियों के लक्षणों के बारे में आप आगे डिटेल में पढ़ेंगे।
थाइरोइड की जाँच रिपोर्ट कैसे पढ़ें ? Thyroid Problem in Hindi
थायरॉइड की जाँच रिपोर्ट या थाइरोइड फंक्शन टेस्ट रिपोर्ट को आप नीचे दी गयी तालिका के आधार पर समझ सकते हैं। आपको TSH एवं T3, T4 की कमी या अधिकता को जांचना होगा। यदि TSH अधिक है और T3 , T4 की मात्रा खून में कम है तो हाइपोथायरायडिज्म की बीमरै है। यदि TSH की मात्रा खून में कम है और T3 , T4 की मात्रा खून में अधिक है तो हाइपरथीरोइडिज़्म की बीमरी है।
Disease/Hormone |
TSH Level |
T3, T4 Level |
Hypothyroidism |
High | Low |
Hyperthyroidism | Low |
High |
थाइरोइड के लक्षण Thyroid Symptoms in Hindi
हाइपोथयरॉडिज़्म और हाइपरथाइरॉडिज़्म दोनों ही प्रकार की थाइरोइड के लक्षण ( Thyroid Ke Lakshan ) एक दुसरे से अलग होते हैं। थाइराइड बीमारी का इलाज भी बीमारी के प्रकार के आधार पर अलग अलग प्रकार से किया जाता है। हाइपोथयरॉडिज़्म और हाइपरथाइरॉडिज़्म के लक्षण भी एक दुसरे के उलट होते हैं। एक बीमारी में मरीज बहुत सक्रिय होता है और दूसरी में बहुत अधिक सुस्त हो जाता है।
हाइपोथायरायडिज्म बीमारी के लक्षण Symptoms of Hypothyroidism
हाइपोथायरायडिज्म बीमारी में शरीर का मेटाबोलिक फंक्शन सुस्त हो जाता है। जिसका प्रभाव शरीर के लगभग सारे ही हिस्सों और अंगों पर पड़ता है। इसके कारण मरीज को बहुत से अलग अलग थाइरोइड के लक्षण आने लगते हैं जैसे:
- बहुत अधिक ठण्ड लगना (सर्दी को बर्दाश्त न कर पाना)
- सुस्ती और कमज़ोरी महसूस होना
- हाथ पैरों का ठंडा रहना
- जल्दी थक जाना
- भूख का काम लगना
- वज़न का बढ़ना
- कब्ज़ रहना (Constipation)
- चमड़ी का सूखा रहना
- बालों का अधिक गिरना और टूटना
- शरीर और चेहरे पर सूजन आना
- आवाज़ में भारीपन होना
- बच्चों में स्लो ग्रोथ होना ( बच्चों की लम्बाई न बढ़ना )
- खून में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना (Bad Foods increase Cholesterol)
- दिल की धड़कन का कम हो जाना
- काम इच्छा में कमी होना
- चिड़चिड़ापन
- नीदं का अधिकता
- गर्भ का न ठहरना
हाइपरथारॉइडिज़्म बीमारी के लक्षण Symptoms of Hyperthyroidism
हाइपरथारॉइडिज़्म बीमारी में शरीर का मेटाबोलिक कार्य अधिक तेज़ हो जाता है। इसका असर मरीज के लगभग सारे अंगों और हिस्सों पर होता है। मरीज के शरीर में एक तेज़ी आ जाती है और निम्नलिखित थाइरोइड के लक्षण पैदा हो जाते हैं:
- गर्मी अधिक लगना या गर्मी का बर्दाश्त न होना
- काम करने में बहुत तेज़ी होना
- काम करके न थकना ( शुरूआती दिनों में )
- बहुत अधिक पसीना आना ( ख़ास तौर से हथेलियों में )
- बहुत अधिक भूख लगना
- वज़न का काम होना (शरीर का दुबला पतला होना)
- बेचैनी और घबराहट
- दिल की धड़कन एक तेज़ चलना
- दिल की धड़कन की गति असामान्य होना जो जवान उम्र लोगों में हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है
- मूड स्विंग्स ( मूड का जल्दी जल्दी बदलना)
- आँखों का बड़ा होना और बहार की और उभर जाना
- औरतों में माहवारी का ठीक से न आना
- नींद की कमी / अनिंद्रा
- जल्दी जल्दी दस्त लगना
- हाथों में कम्पन या कपकपी आना
- हथेलियों का गर्म रहना
- औरतों में चेहरे पर बालों का उगना
थाइराइड कैसे काम करता Function of Thyroid in Hindi
थायरायड ग्लैंड का कंट्रोल दिमाग के पास पायी जाने वाली एक ग्रंथी (Gland) के पास होता है जिसको पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary Gland) कहते है. पिट्यूटरी ग्लैंड से एक हॉर्मोन निकलता है जिसको TSH (Thyroid Stimulating Hormone) कहते हैं. TSH हार्मोन थाइरोइड ग्रंथि के काम को रेगुलेट करता है और थाइरोइड हार्मोन T3 , T4 की मात्रा को संतुलित करता है । यह हार्मोन फीडबैक मैकेनिज्म के आधार पर काम करता है और Thyroid Gland को आवश्यकता अनुसार सक्रिय बनाए रखने में मदद करता है।
कब कितनी मात्रा में थाइराइड ग्लैंड को TSH हॉर्मोन की आवश्यकता है ये खून मे थाइरोइड हॉर्मोन यानि T3 और T4 की मात्रा पर आधारित होता है. जब खून में थाइरोइड हॉर्मोन यानि T3 और T4 की मात्रा अधिक होती है तो Pituitary Gland से TSH कम मात्रा में रिलीज होता है। लेकिन जब खून में T3 और T4 हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है तो पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary Gland) से TSH की अधिक मात्रा स्रावित होती है।
थाइराइड कैसे होता है Thyroid Kaise Hota Hai in Hindi
अगर हमारे शरीर में आयोडीन की कमी होती है तब थायरॉइड ग्लैंड जरुरत के हिसाब से T3 , T4 हार्मोन नहीं बना पाता है। क्योंकि T3 , T4 हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन एक आवश्यक तत्व है। T3 T4 हार्मोन कम होने के कारण पिटुइटरी ग्लैंड और अधिक मात्रा में TSH रिलीज़ करता है। अधिक TSH थायरॉइड ग्लैंड को और अधिक काम करने के लिए प्रेरित करता है जिससे थायरॉइड ग्लैंड का साइज बड़ा होने लगता है। जब थायरॉइड ग्रंथि का साइज बड़ा होने लगता है तो इस बीमारी को घेंघा रोग (Goitre) कहते हैं। इस प्रकार से हायपोथयरॉइडिस्म की बीमारी हो जातीहै।
अगर किसी कारणवश जैसे ग्रेव डिजीज (Grave’s Disease) इत्यादि में थायरायड ग्लैंड ठीक से काम नहीं करती है तब खून मे T3, T4 की मात्रा अधिक हो जाती है और TSH की मात्रा कम हो जाती। इस प्रकार से हायपरथीरोइडिस्म की बीमारी हो जातीहै।
थायरॉइड बीमारी का कारण Causes of Thyroid Disease
TSH की अधिक मात्रा थाइराइड ग्लैंड को अधिक सक्रिय बनाने में मदद करता है जिससे थायरॉइड ग्लैंड T3 और T4 की अधिक मात्रा पैदा कर सके। और खून में T3 , T4 की अधिक मात्रा पिट्यूटरी ग्लैंड को सन्देश देती है कि TSH की मात्रा कम पैदा की जाये। इसका कारण कोई बीमारी या किसी तत्व की कमी हो सकती है।
हायपोथयरॉइडिस्म बीमारी का कारण Causes of Hypothyroidism
- हायपोथयरॉइडिस्म बीमारी का मुख्य कारण आयोडीन की कमी है।
- आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है और गला फूलने लगता है।
- घेंघा रोग के कारण थायरॉइड ग्लैंड T3 , T4 हार्मोन नहीं बना पाता है।
हायपरथीरोइडिस्म बीमारी का कारण Causes of Hyperthyroidism
- ग्रेव डिसीज (Grave’s Disease) ऑटो इम्यून डिसीस
- टॉक्सिक मल्टी नोडलर गोइटर (Toxic Multinodular Goitre)
- थायरिऑडिटिस (Thyroiditis) थाईरॉइड ग्लैंड की सूजन
थायरॉइड बीमारी का निदान How to Diagnose Thyroid Disease
- थाइरोइड फंक्शन टेस्ट (T3 , T4 , TSH)
- थाइरोइड एंटीबाडी टेस्ट
- थायरॉइड ग्लैंड का अल्ट्रासाउंड
- सी टी स्कैन या MRI
थायरॉइड बीमारी के लिए भोजन Good Food For Thyroid
अपने खान पान का भी ध्यान रखना है, ऐसे भोजन करें जो जल्दी से पांच जाएँ और आपके लिवर एवं किडनी फंक्शन को ठीक रखें। अत्यधिक चिकना और तला भोजन न करें। ऐसे भोजन करें जिन में जरूरी तत्वों की मात्रा मिली हो। अपने भोजन में सिर्फ आयोडीन युक्त नमक ही इस्तेमाल करें।
- आयरन युक्त भोजन
- समुद्री भोजन जैसे मछली, झींगा इत्यादि विटामिन-D3 की संतुलित मात्रा के लिए
- कैल्शियम युक्त भोजन की संतुलित मात्रा
- जिंक युक्त भोजन
- सेलेनियम युक्त भोजन
- मल्टीविटामिन्स
थाइरोइड बीमारी का इलाज
थाइरोइड बीमारी के इलाज के लिए आपको एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉक्टर से संपर्क की आवश्यकता है। डॉक्टर आपको कुछ जाँच करने की सलाह देगा और आप की रिपोर्ट के आधार पर दवाइयाँ लेने की सलाह देगा।
आप अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें क्योंकि थाइरोइड की दवाइयों की खुराक बहुत ही सटीक मात्रा में दी जाती हैं अगर खुराक की मात्रा कम या अधिक हो जाए तो यह घातक भी साबित हो सकती है। इसलिए चिकित्सक की सलाह के बिना कोई भी दवाई शुरू न करें।
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Bahute achcha likha hai thyroid ke bare me
Thanks
Very well written article, a good topic for mass awareness
Very well written post, thanks for sharing