gallbladder

गॉलब्लेडर सर्जरी के बाद होने वाली समस्याएं और कॉम्प्लीकेशन्स

पित्ताशय के ऑपरेशन के बाद होने वाली समस्याएं क्या करें क्या न करें ?

आज हम बात करेंगे गॉलब्लेडर सर्जरी के बाद होने वाली समस्याएं और कॉम्प्लीकेशन्स के बारे में। इनमे कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जो समय के साथ ठीक हो जाती हैं।  लेकिन कुछ ऐसे कॉम्प्लीकेशन्स या समस्याएं पैदा हो जाती हैं की अगर उन पर समय रहते ध्यान न दिया जाये तो ये जानलेवा हो सकती हैं या किसी बड़ी बीमारी का कारण भी बन सकती हैं।

गॉलब्लेडर की सर्जरी एक सामान्य सर्जिकल प्रोसीजर है जिसे गॉलब्लेडर की समस्याओं जैसे कि पथरी या इन्फेक्शन के कारन पित्ताशय में आने वाली सूजन जिसे चोलएसिटिटिस कहते हैं इसको दूर करने के लिए किया जाता है। ये दो प्रकार से की जाती एक ओपन सर्जरी यानि बड़ा चीरा लगाकर की जाने वाली सर्जरी और दूसरी दूरबीन से या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जिसमे 2 या 3 बहुत ही छोटे आकर के चीरे लगाते हैं जिनसे laparoscope  और दुसरे औज़ार से काम किया जाट है और पित्तशय को निकल लिया जाता है। इसमें खून भी काम बहता है और मरीज को अस्पताल से 24 घंटे या उससे काम ही छूती मिल जाती है।

दूरबीन के ऑपरेशन में कम्पलसियशन्स या समस्याएं होने के चान्सेस काफी कम रहते हैं। अब अगर आप सर्जरी प्लान कर रहे हैं या अपने सर्जरी करा ली है चाहे वो ओपन हो लप्रोस्कोपिक दोनी ही मामलों में आपको इन सब बातों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए अन्यथा आप बड़ा नुकसान उठा सकते हैं।

सबसे पहले आइए जान लेते हैं कि गॉलब्लेडर सर्जरी के बाद कौन कौन सी सामान्य समस्याएं होती हैं। जो अक्सर मरीजों को ऑपरेशन के बाद आती ही आती हैं, किसी को ज़्यादा और किसी को कम, इनमें शामिल हैं:

गॉलब्लेडर की सर्जरी के बाद होने वाली सामन्य समस्याएं

अधिक गैस बनना और पेट फूलना

क्योंकि गॉलब्लेडर निकलने के बाद पित्त जूस (Bile Juice) जो पहले गालब्लड्डेर में इकठा होता रहता था और ज़रूरत पड़ने पर या चिकना भोजन खाने पर ही आंतों में आता था अब वो सीधे आंतों में बिना किसी रूकावट के आने लगता है। क्यूंकि पित्त एसिडिक होता है इसके कारण गैस की समस्या बढ़ने लगती है। मरीज को पेट फुला हुआ लगने लगता है। हालाँकि ये समस्या खाने पीन की आदतों में बदलाव करने से काफी हद तक ठीक हो जाती है और समय के साथ जब आपकी बॉडी इसकी आदी हो जाती है तो सब कुछ ठीक होने लगता है।  इसको ठीक होने में लगभग 6 से 8 हफ्ते का समय लगता है।

एसिड रिफ्लक्स

अगर गैस ज्यादा बनती है तो आपको सोते समय गले में और भोजन की नली में खट्टा पानी आने लगता है जो अधिक एसिडिटी के कारण होता है. इसका कारण भी अपच या indigestion होता है।

दस्त लगना

दूसरे पहले ज़्यादा बिले जूस तभी आंतों में आता था जब कोई फैटी भोजन खाते थे. गॉलब्लेडर रिमूवल के बाद ये सीधा और अधिक मात्रा में आँतो में गिरता है तो इससे इंडिगेस्टिव हो जाता है, कुछ मरीजों को दस्त भी लग जाते हैं जो कई हाफत ेतक रह सकते हैं. ऐसा हो तो अपने डॉक्टर से बिना देर किये मिलें.

कब्ज या कॉन्स्टिपेशन

कुछ मरीजों में अपच की ससमसया के कारण कब्ज हो जाती है, कब्ज होना अच्छी बात नहीं अगर आपको लगातार 48 घंटे तक स्टूल पास न हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

पेट में असहजता या दर्द

मामूली पेट दर्द शुरू के कुछ दिनों में होना नार्मल बात है और ये सारे मरीजों में होता ही है। लेकिन अगर ये दर्द तेज होने लगे या बढ़ जाये तो डॉक्टर से फौरन समपर्क करें।

जैसे मैंने बताय की इन समस्याओं का समाधान तो हो सकता है, एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और डॉक्टर की सलाह के अनुसार निर्धारित दवाओं का उपयोग डॉक्टर की बताये सलाह के अनुसार करने से।

गॉलब्लेडर की सर्जरी के बाद होने वाली बड़ी समस्याएं

अब हम देखेंगे कि गॉलब्लेडर सर्जरी के बाद बड़े कॉम्प्लीकेशन्स क्या हो सकते हैं। इनको आपको लगातार देखते रहना चाहिए यही वो लक्षण या समस्याएं होती हैं जो इग्नोर करने पर बड़ी बन जाती हैं। पहले 7 दिनों में इनको बहुत ही धयान से ऑब्सेर्वे करना चाइये, इन कॉम्प्लीकेशन्स या समस्याओं में शामिल हैं:

पेट में बहुत तेज़ दर्द

पेट दर्द के कई कारन हो सकते हैं, ये किसी बड़े खतरे का लक्षण भी हो सकता है और अगर ध्यान न दिया जाये तो यो गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। पेटदर्द ये बताता है की अंदर सबकुछ ठीक नहीं है।

तेज़ बुखार या ठंड लगकर बुखार आना

सर्जरी के बाद बुखार आना शरीर में इंफेक्शन का लक्षण है। ऐसा होने पर भी फ़ौरन अपने चिकित्सक से मिलें।

लगातार उल्टियां आना

ये भी अच्छी बात नहीं, इसका कारण बेहोशी की दवाई हो सकती है या फिर कोई दूसरा कारण लेकिन इसको इग्नोर नहीं करना चहिए

पेट का फूल जाना

पेट फूलने का कारण पेट में पानी भरना या इन्फेक्शन के कारण पस इकठ्ठा होना भी हो सकता है। कई बार अंदरूनी खून के रिसाव के कारन भी ऐसा हो सकता है। आंतों बंदl लग जाना भी इसका एक कारन हो सकता है। 

Internal ब्लीडिंग

अगर इंटरनल ब्लीडिंग हो जाये तो लाइफ थ्रेटनिंग यानि जानलेवा भी हो सकती है, इसमें भी मरीज का पेट फूलने लगता है, पेट बहुत टाइट हो जाता है, मरीज को हिलने पर भी दर्द होता है।

पीलिया Jaundice

अगर आपको अस्पताल से छुट्टी के बाद पीलिया हो जाये तो ये आपके लिवर फंक्शन का ठीक से न काम करने के कारन हो सकता है।

अत्यधिक दस्त या खूनी दस्त

अगर दस्त लगातार आते रहे और दस्तों में खून आने लगे तो ये भी एक गंभीर समस्या है। ऐसा होने पर भी आप फौरन अपने डॉक्टर  से संपर्क करें।

आंतों में बंद लग जाना

अगर आपको सर्जरी के बाद कब्ज हो जाये, latrine  के रस्ते हवा पास न हो, पेट में दर्द होने लगे और पेट फूलने लगे तो मान ले ये आंतों में बंद लगने यानि की Intestinal Obstruction का सिग्नल है, ऐसा होने पर फ़ौरन डॉक्टर से संपर्क करें।

ज़ख्म में इन्फेक्शन होना ये पस आना

अगर आप ड्रेसिंग ठीक से नहीं करते हैं या इसमें इन्फेक्शन हो जाता है और ज़ख्म से पस और मवाद आने लगता है जिसके कारण घाव ठीक से नहीं भरता है और टांके भी निकल सकते हैं।

ये 9 वार्निंग signs  हैं, जिनको आप बिलकुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।  इन समस्याओं से बचने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए और उन्हें तुरंत सूचित करना चाहिए। इन संकेतों को नजरअंदाज़ न करें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।


Discover more from Swasth Gyan

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Swasth Gyan

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading