insulin plant

इन्सुलिन पौधा शुगर के मरीजों के लिए रामबाण ओषधि | शुगर को जड़ से खत्म करने का इलाज

Table of Contents

मधुमेह या शुगर की बीमारी का 100% इलाज, Ayurvedic Treatment for Diabetes in Hindi

इन्सुलिन पौधा ब्लड शुगर के मरीजों के लिए रामबाण ओषधि है।  आज के समय में शुगर, डाइबिटीज या मधुमेह की बीमारी बहुत ही आम बीमारी है । दुनिया में हर तीसरा इंसान शुगर की बीमारी से पीड़ित है। मधुमेह बीमारी अधिक मात्रा में मीठा खाने और व्यायाम न करने के कारण हो जाती है। कुछ लोगों में शुगर अनुवांशिक कारणों से भी होती है।

इस बीमारी में रक्त में शुगर का लेवल बढ़ जाता है। मधुमेह के लक्षणों में भूक अधिक लगना, पेशाब बार बार आना, प्यास का अधिक लगना और कमजोरी मुख्या लक्षण हैं।

अगर एक बार शुगर की बीमारी हो जाये तो हमेशा दवाई खानीपड़ती है। इलाज के लिए अंग्रेजी दवाइयों के अलावा कोई और चारा नहीं दिखाई देता है। और अगर बीमारी बढ़ जाये तो मरीज को रोजाना इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने की भी जरुरत पड़ती है। \

लेकिन नयी शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने दावा किया है की मधुमेह का इलाज अंग्रेजी दवाइयों के बजाये प्राकृतिक तरीकों से भी किया जा सकता है। इसमें सबसे ऊपर जिस औषधि का नाम आता है उसका नाम है इन्सुलिन पौधा (इन्सुलिन प्लांट)।

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   Insulin Plant Benefits in Hindi

इंसुलिन पौधा मधुमेह या ब्लड शुगर के मरीजों के लिए एक अद्भुत औषधि!

इन्सुलिन पौधे का बोटैनिकल नाम है कोस्टस इग्नेउस (Costus igneus) जिसका मूल ब्राजील देश है। बाद में इसको भारत और साउथ अमेरिका के हिस्सों में लाया गया। मधुमेह के इलाज के लिए इन्सुलन पौधे का सबसे अच्छा औषधीय पौधा माना गया है।  इन्सुलिन पौधे का स्पाइरल फ्लैग या स्टेप लैडर के नाम से भी जान जाता है। इस पौधे का आपके बगीचे में आसानी से उगाया जा सकता है।

मधुमेह के रोगियों  के लिए ये लेख बहुत उपयोगी है, इन्सुलिन पौधे से होने वाले फायदों (Insulin Plant Benefits in Hindi) को जानने के लिए ये लेख पढ़ना आवश्यक पढ़ना चाहिए। इस लेख को पढ़ने के बाद आप समझेंगे की इन्सुलिन पौधा कैसे प्रकृतिक रूप से ब्लड शुगर या मधुमेह का इलाज करने में सहायक है।  

इसीलिए इन्सुलिन पौधा ब्लड शुगर के मरीजों के लिए रामबाण ओषधि है। जो प्राकर्तिक तरीके से मधुमेह को कंट्रोल करने में सहायक होता है बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के।

घर पर इन्सुलिन पौधे का कैसे उगाएं ?

इन्सुलिन पौधे का उगने के लिए आपको उपजाऊ और नम मिटटी की आवश्यकता होती है।  यह सूर्य के आंशिक या पूर्ण प्रकाश में बढ़ता है। यह आमतौर से पानी के पास उगाया जाता है क्योंकि इसको नमी की आवश्यकता होती है। कीट पतंगों से इसको कोई नुक्सान नहीं होता, लेकिन दीमक से इसको नुक्सान हो सकता है।

  1. पौधे का उगाने के लिए उचित स्थान का चयन करें। धुप के साथ आंशिक छाया, उपजाऊ और नम मिट्टी
  2. पौधे का लगाने के लिए 3-4 इंच तक गढ्ढा खोदें , इसको गमले में भी लगा सकते हैं।
  3. मिट्टी में उपुक्त हरी पत्तियों या गोबर का खाद डालें । आप मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ने के लिए उर्वरक का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  4. यह जिंजर फॅमिली का पौधा है इसलिए इसकी राइज़ोम या कटिंग/कलम का पौधा उगने के लिए इसको गद्दे में दबा देते हैं।
  5. अगर कटिंग/कलम का इस्तेमाल कर रहें हैं तो इसका तिरछा मिट्टी में दबा दें, और शेष भाग का मिट्टी के ऊपर रहने दें।
  6. सर्दियों में पौधे का अधिक पानी देने से बचें।
  7. पौधा उगने के लिए 35 से 45 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान अच्छा माना जाता है।
  8. कटिंग 2 से 3 हफ्ते में विकसित होने लगती है।
  9. यह पौधा 3 से 4 फुट तक बढ़ता है।
  10. इस पौधे का लगाने के लिए बरसात का समय सबसे अच्छा मन जाता है ।
  11. अगर आपको कटिंग नहीं मिल रही है तो आप नर्सरी से पौधा लेकर भी लगा सकते हैं।

इन्सुलिन प्लांट का उपयोग कैसे करे ?

मधुमेह का इलाज करने के लिए इन्सुलिन पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं। हरी पत्तियां या पत्तियों का सुखकर उसका पाउडर बनाकर भी इसका उसे प्रयोग दवा के रूप में किया जाता है।

मधुमेह के मरीजों के लिए इन्सुलिन पौधे की ताज़ा पत्ती भोजन के साथ सुबह शाम खाएं। ध्यान रहे एक समय में एक पत्ती से अधिक न खाये अन्यथा इसके दुसरे स्वस्थ्य सम्बंधित नुक्सान भी हो सकते हैं।

या इसके पाउडर का एक चम्मच सुबह शाम भोजन के साथ इस्तेमाल करें। पाउडर बनाने के लिए पत्तियों का छाया में सूखा लें। सूखे पत्तों का ग्राइंडर में बारीक पीस लें और दवा के रूप में प्रयोग करे।

दोनों ही प्रकार बराबर असरदार हैं और ब्लड शुगर को कम करने और मधुमेह का उपचार करने में एक वरदान हैं।

नोट: कृपया ध्यान दें – इन्सुलिन पौधे की पत्तियां या पाउडर सिर्फ अनुभवी डॉक्टर नई देख रेख में ही प्रयोग करें। अनयथा ये दुसरे स्वस्थ्य सम्बंधित समस्याओं और जटिलताओं का भी जन्म दे सकता है। 

इन्सुलिन पौधा रक्त शर्करा को कम करने के लिए कैसे काम करता है ?

इन्सुलिन पौधे में रक्त शर्करा यानि ब्लड शुगर को कम करने की एक प्राकृतिक क्षमता होती है। जो खून में शुगर के लेवल को काम कर देता है और रोग को ठीक करने में मदद करता है।

जब इन्सुलिन पौधे में पेयी जाने वाले रसायन खून में मिलते हैं तो ये पैंक्रियास (Pancreas) की कोशिकाओं को उत्तेजित करता है जिससे इन्सुलिन का संवेदनशीलता बढ़ जाती है। साथ ही पैंक्रियास की कोशिकाओं से इन्सुलिन को अधिक मात्रा में निकलने के लिए प्रेरित करता है।

यह शरीर में उसी तरह काम करता है जैसे हमारे शरीर में पेयी जाने वाली इन्सुलिन या बहार से इंजेक्शन द्वारा ली गयी इन्सुलिन।

यह मोटापे से ग्रसित लोगों और अन्य मेटाबोलिक विकारों में भी काफी फायदेमंद होता है। इन्सुलिन पौधे के अंदर बहुत से सक्रिय घटक (Active constituents) होते हैं।

इनमे मुख्यता फ्लेवेनॉयड्स, ट्रीटेरपेनोइड्स, प्रोटीन, कोर्सोलिक एसिड हैं जो कार्बोहाइड्रेट्स के अवशोषण को धीमा कर देते हैं। साथ ही ग्लूकोस (Glucose) के स्टोरेज में सहायक बनकर वृद्धि करता है। जिससे endogenous इन्सुलिन के प्रभाव में वृद्धि होती है और ब्लड शुगर को काम कर देता है।

ब्लड शुगर के मरीजों के लिए इन्सुलिन पौधे के फायदे Insulin Plant Benefits in Hindi

इन्सुलिन पौधा Type 2 Diabetes Meletus के उपचार में बहुत उपयोगी है। भारतवर्ष में मधुमेह के इलाज के लिए इस पौधे का इस्तेमाल वर्षों से होता आ रहा है। इस पौधे में और भी अन्य गुण होते हाँ जो मधुमेह के आलावा दूसरी बीमारयों में भी सहायक होता है।

मधुमेह या ब्लड शुगर के इलाज में सहायक

इन्सुलिन पौधे की हरी पत्तियां Aminoglycosides, alkaloids और अन्य सक्रिय घटकों से भरपूर होती हैं। विभिन्न शोध कार्यों से यह साबित हो चुका है कि इन्सुलिन के पौधे में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने कि बड़ी क्षमता होती है।

यह पौधा कार्बोहाइड्रेट्स, स्टेरॉइड्स, टेनिन्स, सेपोनिन, कोर्सोलिक एसिड, बी कैरोटीन, एस्कॉर्बिक एसिड एंड आयरन इत्यादि पोषक तत्वों से भरा होता है।

कोर्सोलिक एसिड इन सब में सबसे अहम् घटक है जो ब्लड शुगर को कण्ट्रोल करने में सबसे ज्यादा सहायक है। यह जादुई रूप से काम करता है और अग्नाश्य (Pancreas) से इंसलिन के स्राव (secretion) को बढ़ा देता है। और इन्सुलिन ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है जिससे मधुमेह कि बीमारी को ठीक्कारे में मदद मिलती है।

रक्त (Blood) में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक

इन्सुलिन पढ़े के अंदर पाए जाने वाले घटक कोलेस्ट्रॉल कि मात्रा को काम करने में सहायक होते हैं और खून के अंदर ट्राइग्लिसराइड्स   (triglycerides) की मात्रा को बढ़ने से रोकने में भी सहायक है। जिससे दिल के दौरे और दुसरे ह्रदय रोगों जैसे हाई ब्लड प्रेशर की सम्भावना काफी कम हो जाती है।

गुर्दे कि पथरी को बनने से रोकता है

लुओपोल एंड स्टैगमास्टरोल जैसे रासयनिक घटक जो इस पौधे के तने में पाए जातें हैं गुर्दे के में कैल्शियम ऑक्सालेट कि पथरी को बनने से रोकता है। इन्सुलिन पौधा एक शक्तिशाली मूत्रवर्धक (Diuretic) है जो गुर्दे के फिलतेरतीओं को बढ़ता है और किडनी स्टोन को निकलने में मदद करता है।

एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीफंगल के तौर पर भी इस पौधे का काफी अच्छा उपयोग देखा गया है। इसके अलावा इसके अंदर कैंसर विरोधी प्रभाव भी देखे गए हैं।

इन्सुलिन पौधा या पाउडर कहाँ से प्राप्त करें ?

इन्सुलिन पौधा आपके आपके आस पास कि नर्सरी से भी मिल सकता है लेकिन आसानी से मिलना मुश्किल है। अगर आपको ये पौधा किसी नजदीकी पौध नर्सरी से नहीं मिलता है तो आप इसे ऑनलाइन स्टोर से भी खरीद सकते हैं।

बहुत सरे ऑनलाइन पोर्टल पर ये पौधा उपलभ्ध है और इसकी दूसरी फॉर्म्स जैसे कैप्सूल, पाउडर और चाय के रूप में भी उपलब्ध है।

आप इन्सुलिन पौधे को निम्न पोर्टल्स या ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं।

  1. अमेज़न
  2. इंडियामार्ट
  3. नर्सरी लाइव स्टोर

इन्सुलिन पौधे के उपयोग से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल

इन्सुलिन पौधे के साइड इफेक्ट्स क्या हैं ?

अधिक मात्रा में इन्सुलिन पौधे की पत्तियां खाने से खून में  शुगर का लेवल काफी कम हो सकता है। इसके अलावा कुछ और भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे।

  • अगर इसको चमड़ी पर लगाया जाये तो इससे खुजली या चकत्ते भी हो सकते है।
  • इसके प्रयोग से एलर्जी भी हो सकती है अगर किसी को इस तरह के पौधों से एलर्जिक है।
  • पेट दर्द और दूसरी पेट की ससमस्याऐं भी हो सकती हैं

हालाँकि इसके कोई बड़े साइड इफ़ेक्ट नहीं देखे गएँ हैं।

क्या इन्सुलिन का पौधा गर्भवती और दूध पिलाती माताओं के लिए सुरक्षित है ?

गर्भस्वस्था और स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षा और अन्य दुष्प्रभावों के सम्बन्ध में पर्याप्त शोध डाटा या अध्यन उपलब्ध नहीं है। लेकिन अगर बहुत आवश्यक हो तभी इन्सुलिन के पौधे या उसके दुसरे घटको को तभी इस्तेमाल किया जाना चाहिए जब संभावित लाभ होने वाले खतरे से अधिक होने की ससंभवना हो।

गर्भावस्था और स्तनपान की अवस्था में इस पौधे के किसी भी भाग को प्रयोग करने से पहले स्त्री रोग विशषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें। अगर वो भ्रूण या बच्चे को होने वाले संभावित जोखिम को उचित ठहराते हैं तभी इसका प्रयोग करें, अन्यथा नहीं।

मधुमेह के लिए इन्सुलिन का पौधा कितना कारगर है? Insulin Plant Benefits in Hindi for diabetes

पौधे की हरी पत्तियां या सूखे पत्तों का पाउडर ब्लड शुगर या मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी प्रभावी साबित हुए हैं। अध्ध्यनों से पता चला है को इन्सुलिन पौधे को पारम्परिक दवाइयों के साथ प्रयोग करने से इन्सुलिन का खुराक में कमी हो जाती है और पारम्परिक दवाइयों की खुराक को कम करने में भी मदद मिलती है।

क्या इन्सुलिन पौधा ह्रदय के लिए हानिकारक है ?

इन्सुलिन पौधा या इसके सक्र्य घटक ह्रदय पर किस तरह का प्रभाव डालते हैं ये बहुत स्पष्ट नहीं है। लेकिन जानवरों पर किये गए अध्ध्यनों से ये पता चला है कि इन्सुलिन ह्रदय को तनाव से बचता है। हालाँकि इस पौधे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और इसकी डायूरेटिक प्रॉपर्टीज शरीर से टॉक्सिन्स को बहार निकलने और ब्लड प्रेशर को काम करने में काफी मदद करता है।

ब्लड शुगर के मरीजों के लिए इन्सुलिन प्लांट की सही खुराक क्या है ?

प्रतिदिन अधिकतम 2 हरी पत्तियां, एक सुबह एक शाम भोजा के साथ। या सूखे पत्तों के पावडर की 1 बड़ा चम्मच दिन में एक बार।

कृपया ध्यान दें – चिकित्सक का परामर्श आवश्यक है।

निष्कर्ष

इन्सुलिन पौधा शुगर के मरीजों के लिए एक रामबाण औषधि

मधुमेह के रोगियों के लिए इन्सुलिन पौधा एक अद्भुत पौधा और रामबाण औषधि है। जो ब्लड शुगर को तो कम करती ही है, साथ में मधुमेह से होने वाली जटिलताओं और कॉम्प्लीकेशन्स से भी बचाता है। इन्सुलिन पौधे की पत्तियों का प्रतिदिन इस्तेमाल करने से ये आपके गुर्दों की कार्य क्षमता को बढ़ता है और ह्रदय को हार्ट अटैक के खतरे से बचने में मदद करता है। मधुमेह से होने वाले ह्रदय आघात के खतरे से भी बचने में सहायक है और साथ ही कोलेस्ट्रॉल को काम करने में भी मदद करता है।


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