गॉलब्लेडर (पित्त की थैली) की सर्जरी के बाद होने वाली परेशानियाँ

पित्त की थैली से पथरी निकालने के लिए पित्ताशय या गॉलब्लेडर को ही निकाल दिया जाता है। गॉलब्लेडर (पित्त की थैली) की सर्जरी के बाद मरीज को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमे से कुछ लक्षण या परेशानिया नार्मल होती हैं और कुछ के लिए आपको फौरन ध्यान देने की जरुरत होती है।

gallbladder removal

गॉलब्लेडर सर्जरी, पित्त की थैली की सर्जरी या पित्ताशय की सर्जरी के बाद आपके शरीर या पाचनतंत्र को इन परेशानियों को समझने में समय लगता है। जैसे जैसे समय बीतता है शरीर को इन लक्षणों की आदत हो जाती है। साथ ही साथ बहुत से लक्षण जो सर्जरी के बाद नार्मल होते हैं वो भी कम हो जाते हैं।

यह भी देखें – बिना सर्जरी गॉलब्लेडर स्टोन का इलाज 

गॉलब्लेडर या पित्ताशय का हमारे शरीर में क्या काम होता है?

पहले समझ लेते हैं को गॉल ब्लैडर कहाँ होता है और उसका हमारे शरीर में इसका क्या काम है। गॉलब्लेडर एक थैली के आकर का अंग होता है जो लिवर के नीचे शरीर के दाहिनी और होता है। लिवर से बनने वाला पित्तरस इसी थैली के अंदर इकठ्ठा होता रहता है।

जब भी हम भोजन करते हैं, खासतौर से जब चिकना भोजन करते हैं तो पित्ताशय या गॉलब्लेडर सिकुड़ता है और उससे आवश्यकतानुसार पित्तरस आंत की और भेजता है। यह पित्तरस या bile juice भोजन की चिकनाई को पचाने में सहायता करता है। 

पित्ताशय की सूजन और पथरी बनने का कारण क्या है?

जब पित्त की थैली या Gallbladder के अंदर किसी कारण सूजन आ जाती है तो उसे cholecystitis कहते है। यह किसी इन्फेक्शन के कारण भी हो सकती है लेकिन अधिकतर मामलों में पित्ताशय के अंदर पथरी इसका कारण बनती है। जो लोग अधिक मोटे होते हैं और अधिक चिकना भोजन करते हैं उनको पथरी बनने का खतरा अधिक होता है।

महिलाओं में पित्ताशय की थैली में पथरी के मामले अधिक होते है। गॉलब्लेडर स्टोन्स गोरे (Fair), मोटे (Fat), फर्टाइल (Fertile), महिलाओं (Female) जो 40 साल (Forties) से अधिक उम्र की हों उनमे अधिक बनती हैं। इसको गॉलब्लेडर स्टोन के 5F (Fair Fat Fertile Female in  Forties) के नाम से जाना जाता है।

पित्ताशय या Gallbladder के अंदर यदि पथरी होती है तो इसको cholelithiasis के नाम से जाना जाता है। दरअसल पित्त के अंदर बनने वाली पथरी कोलेस्ट्रॉल या यूरिक एसिड की बनी होती है।

गॉलब्लेडर या पित्ताशय को क्यों निकलते हैं?

पित्त की पथरी या गॉलब्लेडर स्टोन के कारण पेट में बहुत तेज पेट दर्द होता है। मरीज को उलटी भी आती है और यह लक्षण बार और जल्दी जल्दी होने लगते है। बहुत समय तक यदि पथरी गॉलब्लेडर के अंदर पड़ी रहती हैं तो इससे कई गंभीर बीमरिया भी हो सकती है। जैसे-

  • गॉलब्लेडर की दीवार में सूजन आ जाना
  • पथरी का गॉल ब्लैडर की डीआर से चिपक जाना
  • पित्ताशय में इन्फेक्शन हो जाना
  • पित्त की थैली का फट जाना
  • गॉल ब्लैडर का कैंसर

ऊपर बताये गए कॉम्प्लीकेशन्स और भविष्य में होने वाले नुक्सान से बचने के लिए गॉलब्लेडर सर्जरी या पित्त की थैली की सर्जरी करके गॉलब्लेडर को निकलना पड़ता है।

गॉलब्लेडर एक ऐसी संरचना है जहाँ से सिर्फ अकेले पथरी को निकलना मुश्किल है। इसलिए पथरी को निकलने के लिए पित्ताशय या गॉलब्लेडर को भी निकाला जाता है। इसके बाद पित्तरस या bile juice सीधे लिवर से आंतों में जाता रहता है।

गॉलब्लेडर सर्जरी के दो प्रकार हैं।

  1. ओपन सर्जरी (Open Cholecystectomy)
  2. दूरबीन द्वारा सर्जरी (Laparoscopic Cholecystectomy)

पित्ताशय या गॉलब्लेडर निकलने के बाद भी पेट दर्द क्यों रहता है?

गॉलब्लेडर सर्जरी पित्त या की थैली की सर्जरी के बाद यह सवाल अकसर मरीजों का होता है। जो बहुत ही स्वाभाविक और नार्मल बात है। क्योंकि किसी भी प्रकार की सर्जरी के बाद शुरूआती दिनों में कुछ इस प्रकार के लक्षण आते ही हैं। उनमे से कुछ नार्मल लक्षण होते हैं और कुछ abnormal भी हो सकते हैं।

शुरूआती दिनों में सर्जरी के बाद सर्जरी के चीरे के आसपास दर्द होता है। क्योंकि घाव को भरने में थोड़ा समय लगता है तो मामूली दर्द बना रहता है जो एक से दो हफ्ते में पूरी तरह ठीक हो जाता है। लेकिन अगर दर्द लम्बे समय तक बना रहे, बुखार आ जाये, जख्म से पास मवाद आने लगे , जख्म न भर रहा हो या जख्म से खून आने लगे तो फिर बिना देर किये अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा करें।

सर्जरी के बाद होने वाले प्राथमिक लक्षण

  • हल्का पेट दर्द होना
  • ज़ख्म के आसपास हलकी सूजन या दर्द होना
  • पाचन किर्या का ठीक से न होना
  • पेट फूला हुआ महसूस होना
  • दस्त लग जाना
  • कब्ज़ या Constipation

ये सब लक्षण 24 से 72 घंटे तक रहते हैं और किसी भी मरीज के लिए घबराने की जरुरत नहीं। लेकिन अगर ये लक्षण इसके बाद भी बने रहें तो डॉक्टर की अवश्य मिलें।

इसके अलावा कुछः ऐसे लक्षण भी हो सकते हैं जो नार्मल नहीं होते या कुछ लम्बे दिनों तक महसूस होते है। जिनके बारे में आपको जानना ज़रूरी है क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है।

गॉलब्लेडर स्टोन सर्जरी के बाद होने वाले कॉम्प्लीकेशन्स

पेशाब का रुक जाना

सर्जरी के बाद होने वाली ये एक आम समस्या है इसको पोस्ट एनेस्थीसिया यूरिनरी रिटेंशन (Post Anesthesia Urinary  Retention) के नाम से जानते हैं। लगभग 5% मर्दों और 3% औरतों में सर्जरी के बाद पेशाब रुकने की समस्या हो जाती है। इसका कारण होता है बेहोशी के लिए प्रयोग में लाई गयी दवाइयां।

ये दवाइयां पेशाब की थैली और मूत्राशय की मांसपेशियों की शिथिल कर देते है जिसके कारण ऐसा होता है। अगर मरीज को सर्जरी के 24 घंटे बाद भी पेशाब नहीं होता है तो फ़ौरन डॉक्टर से सम्पर्क करें।

भोजन का आसानी से न पचना

इसका मुख्या कारण है पित्तरस या Bile Juice का जरूरी मात्रा में भजन के साथ न मिल पाना। गॉलब्लेडर न होने की हालत में पित्तरस सीधे लिवर से आँतों में जाता रहता है। और अगर इसकी मात्रा कम या अधिक होती है तो इसके कारण अपच और गैस की समस्या होने लगती है। लेकिन शरीर धीरे धीरे इसकी आदत बना लेता है और कुछ हफ़्तों क बाद ये समस्या ठीक हो जाती है। मरीज को भी ध्यान रखना होता है की वह चिकना भोजन कम करे या न करे।

पेट फूलना, कब्ज़ होना और अधिक गैस बनना

सर्जरी के 48 से 72 घंटों तक मामूली पेट फूलना और गैस जैसी समस्या हो सकती है। लेकिन अगर पेट बहुत अधिक फूले और सख्त हो जाये, कब्ज़ हो जाये और हवा भी पास न हो तो यह एक समस्या भी हो सकती है। यह आँतों के बंद लगने के कारण या इंटरनल ब्लीडिंग के कारण भी हो सकता है। ऐसा होने पर अपने डॉक्टर से तुरंत समपर्क करें।

दस्त लग जाना

दस्त लगने का मुख्य कारण भी पित्तरस की अधिक मात्रा में आंतों में पहुंचना होता है। गॉलब्लेडर सर्जरी के बाद पित्तरस सीधे आंतों में जाता है और अगर यह अधिक  मात्रा में होता है तो इससे आँतों की मूवमेंट बढ़ जाती है जो दस्तों का कारण बनता है। यह 1 से 2 दिन में अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन डॉक्टर को इसके बारे में जरूर बताएं।

ऑपरेशन की जगह से या जख्म से खून आना

चीरे के निशान से खून आना सही लक्षण नहीं है। सामान्यता ऐसा नहीं होता है, यदि किसी कारण से टांका खिंच जाये तब ऐसा होता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें।

ऑपरेशन के चीरे की जगह से पस आना या इन्फेक्शन होना

सामान्यता ऐसा भी नहीं होता है यदि चीरे के निशान से पस या खून आने लगे तो इसका मतलब है की इन्फेक्शन हुआ है। इन्फेक्शन कारण ये हो सकता है कि या तो सर्जरी के दौरान या बाद में पट्टी (ड्रेसिंग) बदलते समय स्टेराइल सामान का प्रयोग न करना। यह गंभीर भो हो सकता है इसलिए इसका ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।

गॉलब्लेडर सर्जरी या पित्त की थैली की सर्जरी के बाद बुखार आ जाना

यह भी सामान्य लक्षण नहीं है, यदि सर्जरी के बाद बुखार आता है तो ये मा लिया जाये कि इन्फेक्शन हुआ है। यह गंभीर भो हो सकता है इसलिए यदि सर्जरी के बाद बुखार होता है तो फ़ौरन डॉक्टर से सम्पर्क करें

डीप वीन थ्रोम्बोसिस

जब सर्जरी के दौरान या इसके बाद यदि कोई खून क थक्का किसी वीन (Vein) या खून की नस के अंदर जाकर रुक जाये तो इसे Deep veins Thrombosis कहते है। ऐसा अक्सर टांगों की खून कि नसों में होता है, मरीज को बहुत तेज टांग में दर्द आता है। यदि यह थक्का फेफड़ों की नस की और चला जाये तो इसको पल्मोनरी एम्बोलिस्म कहते हैं जो जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए इससे होने पर बिना देर किये डॉक्टर से सम्पर्क करें।

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